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Saturday, January 13, 2024

কবিতা/कविता दया (2)



दया (2)
ओ दयाल!
मैं कहां जाऊं, किस्को बोलू,
मैं किसे करू बात.
परेशानी से दीन गुजरे.
किसे फेलाता विख की हाथ.
अरे दयाल! मुझे बचाओ।
मृत्यु तक मैं करुंगा तेरा काम.
ना छोरुंगा तेरा साथ।
ज़ब तक चंद सूरोज है
अरे दयाल! हां यह मेरी वाडा है.----- प्रबी
(লেখা ১৪ই জানুয়ারি'২০২২)

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